पिछले तीन वर्षों में सीमावर्ती राज्य पंजाब में पाकिस्तान से हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए ड्रोन के इस्तेमाल की 53 घटनाएं सामने आई हैं। यह जानकारी लोकसभा में दी गई है।
केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री निसिथ प्रमाणिक ने लोकसभा में आँकड़ा पेश करते हुए कहा है कि राष्ट्र विरोधी तत्व और तस्कर पंजाब में भारत-पाकिस्तान सीमा पर हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं।
गृह राज्य मंत्री ने एक लिखित प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि 30 जून, 2023 तक पिछले तीन वर्षों में हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी में ड्रोन के इस्तेमाल की कुल 53 घटनाओं का पता चला है।
निशिथ प्रमाणिक ने कहा कि इस सम्बन्ध में सरकार द्वारा कई कदम उठाए गए हैं, जिनमें BSF द्वारा सीमाओं पर चौबीसों घंटे प्रभावी नियंत्रण, निगरानी, गश्त, नाके लगाना और अन्तरराष्ट्रीय सीमा पर निगरानी चौकियों पर तैनात करना शामिल है। उन्होंने आगे कहा, जैसे ही कोई ड्रोन गतिविधि देखी जाती है तो स्थानीय पुलिस को तुरन्त सूचित किया जाता है। ड्रोन गिराने के संदिग्ध क्षेत्रों में नियमित रूप से डेप्थ नाके लगाए जाते हैं।
प्रमाणिक अपने जवाब में कहा है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में आम जनता को ऐसे यूएवी और ड्रोन गतिविधियों और उनके संभावित सुरक्षा पहलुओं के बारे में जागरूक किया गया है।
स्थानीय लोगों के सहयोग के बारे में बताते हुए गृह राज्य मंत्री ने कहा, सीमावर्ती क्षेत्र से सटे लोगों को ऐसी किसी भी गतिविधि के बारे में BSF के साथ-साथ स्थानीय पुलिस को सूचित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
गृह राज्य मंत्री ने लोकसभा में यह भी बताया है कि गृह मंत्रालय ने डीजी बीएसएफ की देखरेख में एंटी रॉग ड्रोन टेक्नोलॉजी कमेटी (ARDTC) की स्थापना की है, जिसका काम Rogue ड्रोन से निपटने के लिए उपलब्ध तकनीक का मूल्यांकन करना और Rogue ड्रोन से निपटने में इसकी प्रभावशीलता को प्रमाणित करना है।
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