रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा 2000 रुपए के नोटों को चलन से बाहर करने के निर्णय पर राजनीति शुरू हो गई है। रिजर्व बैंक ने 19 मई को एक बड़ा फैसला लेते हुए 2000 रुपए के नोटों को चलन से बाहर करने और इन्हें 23 मई से 30 सितम्बर तक बदलने की बात कही है।
इसी निर्णय को लेकर केन्द्रशासित प्रदेश दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने प्रधानमंत्री को अनपढ़ बता दिया, उन्होंने रिजर्व बैंक के चलन से बाहर करने के फैसले को नोटों के बंद करने का फैसला बता दिया। केजरीवाल इससे पहले भी दिल्ली विधानसभा में प्रधानमन्त्री के लिए भी ऐसे ही बयान दे चुके हैं।
केजरीवाल ने ट्विटर पर लिखा, “पहले बोले 2000 का नोट लाने से भ्रष्टाचार बंद होगा। अब बोल रहे हैं 2000 का नोट बंद करने से भ्रष्टाचार ख़त्म होगा, इसीलिए हम कहते हैं, PM पढ़ा लिखा होना चाहिए। एक अनपढ़ पीएम को कोई कुछ भी बोल जाता है। उसे समझ आता नहीं है। भुगतना जनता को पड़ता है।”
केजरीवाल के इस बयान पर केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने जवाब देते हुए कहा, “2000 के नोट अब भी लीगल टेंडर हैं।पढ़ा लिखा मूर्खमंत्री फिर झूट बेचने निकल पड़ा। कबीर जी ने सच ही कहा है-पोथी पढ़ पढ़ पंडित भया न कोय। शीशमहल में रहने वाले कट्टर भ्रष्टाचारियों की बौखलाहट स्वाभाविक है। शराब घोटाले में सरग़ना ने जितनी मेहनत की है, लगता है उस पर पानी फिर रहा है।”
केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने बीते दिनों प्रधानमंत्री की डिग्री पर खूब शोर मचाया था। हालाँकि गुजरात हाई कोर्ट ने केजरीवाल पर 25,000 रुपए का जुर्माना लगाया था और कहा था कि आप RTI के माध्यम से ऐसे दस्तावेज की मांग कर रहे हैं जो पहले ही सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध हैं। इस बीच केजरीवाल की IIT डिग्री पर भी सवाल उठे थे।
केजरीवाल के प्रधानमंत्री पर अशोभनीय टिप्पणी करने पर उन्हें सोशल मीडिया पर खूब खरी खोटी सुननी पड़ी, लोगों ने लिखा कि केजरीवाल ने ही सबसे ज्यादा 2,000 के नोट दबा रखे हैं इसलिए वह सबसे ज्यादा चिल्ला रहे हैं। एक अन्य यूजर ने लिखा कि 2,000 के सारे नोट यूट्यूब पर अपलोड कर देना।
गौरतलब है कि रिजर्व बैंक ने कहा है कि 2,000 के नोटों को 30 सितम्बर तक बदला जा सकेगा और और उसके बाद भी यह वैध करेंसी रहेगी।
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