दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 1984 के सिख विरोधी दंगे के मामले में कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर को शुक्रवार (04 अगस्त, 2023) को अग्रिम जमानत दे दी। दरअसल, शनिवार को अदालत में टाइटलर की पेशी होनी है, जिसके लिए अदालत द्वारा समन जारी किया गया था। यह समन केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के आरोप पत्र पर संज्ञान लेने के बाद जारी किया गया था।
यह अग्रिम जमानत सुनिश्चित करती है कि टाइटलर को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने एक लाख रुपए के जमानत बांड पर जमानत दी है।
कोर्ट ने क्या कहा?
राऊज एवेन्यू अदालत ने जगदीश टाइटलर को अग्रिम जमानत देते हुए कहा कि इस मामले की जांच दशकों तक चली है। इस दौरान सीबीआई ने टाइटलर को गिरफ्तार करने की जरुरत नहीं समझी तो अब आरोपी को हिरासत में रखने से कोई मकसद पूरा नहीं होगा। जांच पूरी हो चुकी है, आरोप पत्र दायर किया जा चुका है। ऐसे में टाइटलर को जमानत देना ही उचित है। हालाँकि, अदालत ने टाइटलर पर जमानत की शर्त लागू करते हुए कहा कि वह गवाहों व साक्ष्यों को प्रभावित नहीं करेंगे और बगैर इजाजत के देश छोड़कर नहीं जाएंगे। यदि वह ऐसा करने का प्रयास करेंगे तो उनकी जमानत रद्द कर दी जाएगी।
क्या था मामला?
20 मई को दायर की गई सीबीआई की चार्जशीट में कहा गया है कि टाइटलर ने 1 नवंबर, 1984 को पुल बंगश गुरुद्वारा, आजाद मार्केट में इकट्ठा हुई भीड़ को उकसाया और भड़काया, जिसके परिणामस्वरूप गुरुद्वारा जल गया। जिसमें ठाकुर सिंह, बादल सिंह और गुरु चरण सिंह, इन तीन सिखों की मौत हो गई।
तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के एक दिन बाद 1 नवंबर, 1984 को पुल बंगश क्षेत्र में तीन लोगों की हत्या कर दी गई थी और एक गुरुद्वारे को आग लगा दी गई थी। एजेंसी ने टाइटलर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 147 (दंगा), 109 (उकसाने), धारा 302 (हत्या) के साथ अन्य धाराओं के तहत आरोप लगाए हैं।
हालाँकि, टाइटलर ने बार-बार इस बात पर जोर दिया है कि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है।
11 अप्रैल को, सीबीआई ने मामले में उपलब्ध ऑडियो सबूतों से मिलान करने के लिए टाइटलर की आवाज के नमूने एकत्र किए थे। सीबीआई को अपनी आवाज का नमूना सौंपने के बाद जगदीश टाइटलर ने कहा था कि अगर उनके खिलाफ सबूत हैं, तो वह फांसी के लिए तैयार हैं।
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