भारत के पड़ोसी देश नेपाल में एक बार फिर भयानक भूकंप आया है। नेपाल में शुक्रवार (नवंबर 4, 2023) देर रात 6.4 की तीव्रता जोरदार भूकंप आने के कारण कई इमारतें जमीदोंज हो गई है। नेपाल के भूकंप का असर भारत में दिल्ली से लेकर उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में भी महसूस किया गया है।
नेपाल में आई इस विभीषिका के कारण अबतक 129 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 150 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। जाहिर है कि इस भूकंप ने एक बार फिर से 2015 के विनाशकारी भूकंप की याद दिला दी है, जिसमें हजारों लोग मारे गए थे।
नेपाल के राष्ट्रीय भूकंप मापन केंद्र के अनुसार भूकंप का केंद्र जाजरकोट में जमीन के नीचे 10 किलोमीटर की गहराई में था। वहीं, शक्तिशाली भूकंप से हुए नुकासान के बीच प्रशासन द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। साथ ही नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड प्रभावित क्षेत्रों के दौरे के लिए रवाना हुए। प्रधानमंत्री ने जाजरकोट पहुंच कर कल रात क्षेत्र में आए भूकंप से प्रभावित लोगों से मुलाकात की है।
नेपाल के प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से एक्स पर लिखा गया है कि प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ने शुक्रवार रात 11.47 बजे जाजरकोट के रामीडांडा में आए भूकंप से हुई मानवीय और घरों की क्षति पर गहरा दुख व्यक्त किया है। घायलों के तत्काल बचाव और राहत के लिए सभी तीन सुरक्षा एजेंसियों को लगाया गया है।
इसके साथ ही अधिकारियों ने जानकारी दी है कि भेरी अस्पताल, कोहलपुर मेडिकल अस्पताल, नेपालगंज के सेना अस्पताल और पुलिस अस्पतालों में भूंकप से प्रभावितों लोगों का इलाज किया जा रहा है। साथ ही घायलों को प्रभावित क्षेत्रों से लाने की सुविधा के लिए नियमित उड़ान आवाजाही निलंबित कर दी गई है। नेपालगंज हवाई अड्डे और सैन्य बैरक हेलीपैड पर एक एंबुलेंस तैनात करने के निर्देश दिए गए हैं।
वहीं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी नेपाल में आई आपदा पर दुख व्यक्त करते हुए एक्स पर लिखा है कि ‘भारत नेपाल के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है और हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है। हमारी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं और हम घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं।’
उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी नेपाल में वर्ष, 2015 में विनाशकारी भूकंप आया था। तब इसकी तीव्रता 7.8 रही थी, जिसने पूरे देश को हिला कर रख दिया था। इस भूकंप में करीब 12,000 से अधिक लोगों की मौत हुई थी।
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