देश को अगले तीन महीनों में पहला नाइट स्काई रिजर्व मिलने वाला है। लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन, लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद, भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान के बीच डार्क स्पेस रिजर्व विकसित करने के लिए त्रिपक्षीय एमओयू साइन किया गया है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि यह साल के अंत तक बनकर तैयार हो जाएगा। यह रिजर्व लद्दाख के चांगथंग वन्य जीव अभयारण्य में खोला जाएगा, जिससे ना सिर्फ स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि खगोलीय पर्यटन के क्षेत्र में तेजी आएगी।
क्या होती है नाइट स्काई सेंचुरी
- आसान भाषा में ऐसा स्थान जहां खुला आसमान और तारे दिखाई देते हैं।
- हालाँकि, यहां आने वाले लोगों की पूरी सुरक्षा की व्यवस्था होती है।
- ऐसा स्थान जो अप्राकृतिक प्रकाश जैसे इलेक्ट्रिकल लाइट्स या वाहनों के प्रकाश से मुक्त होता है।
- प्रकाश के प्रदूषण को नियंत्रित किया जाता है।
- इसका मतलब यह कि लोगों के घरों की खिड़कियों पर मोटे परदे लगवाए जाते हैं।
- जो इलेक्ट्रिक लाइट घरों में होती है, उसका प्रकाश जंगल तक न पहुंचे, यह भी सुनिश्चित किया जाता है।
- रात को घना अंधेरा रहे, यह तय करते हैं, ताकि ग्रहों और सितारों का अध्ययन किया जा सके।
- वाहनों की आवाजाही पर भी नियंत्रण किया जाता है।
- विश्व में ऐसे स्थान तेजी से घट रहे हैं।
चांगथांग में ही क्यों खुल रहा
- हानले का चांगथांग समुद्री स्तर से 4500 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है।
- ऑप्टिकल, इन्फ्रा रेड, गामा-रे टेलीस्कोप के लिए उपयुक्त जगह है।
- दुनिया के सबसे ऊँचे स्थानों में से एक है।
- इसे खगोलीय गतिविधियों को देखने के लिए जानते हैं।
- आबादी से दूर होने के कारण प्रकाश के प्रदूषण से दूर है।
- IIA (भारतीय तारा भौतिकी संस्थान) का सबसे ऊंचाई वाला स्टेशन भारतीय खगोलीय वेधशाला यहीं पर स्थित है।
- हानले वैली में स्थित यह जगह ड्राई कोल्ड डेजर्ट है यानी आबादी यहां अधिक नहीं है।
- हानले अभयारण्य में हिमालय चन्द्रा टेलीस्कोप, हाई-एनर्जी गामा रे टेलीस्कोप, MACE (मेजर एटमॉस्फेरिक सेरेनकोव एक्सपेरिमेंट टेलीस्कोप), GROWTH-India जैसे कई टेलीस्कोप हैं।
चांगथांग वन्यजीव अभयारण्य
- यह अभयारण्य लद्दाख के हानले गाँव में स्थित है।
- अभयारण्य में वनस्पति और वन्यजीव विविधता में पाए जाते हैं।
- यहीं पर दुनिया की सबसे ऊँची झीलों में से एक त्सो-मोरीरी झील है।
- नॉर्थईस्ट ग्रीनलैंड नेशनल पार्क के बाद दूसरे सबसे बड़े नेचर रिजर्व पर आता है, जिसका क्षेत्र 4500 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला हुआ है।
- 14000-19000 की ऊंचाई पर स्थित अभयारण्य में 200 से ज्यादा किस्म की वनस्पतियां हैं।
- IUCN की रेड लिस्ट में शामिल कई औषधीय प्रजातियां भी यहाँ मिलती हैं।
- अभयारण्य का सबसे बड़ा आकर्षण हिम तेंदुआ हैं, जो लद्दाख का राजकीय पशु भी है।
- गहरी गर्दन वाले सारस, तिब्बती जंगली गधे, तिब्बती भेड़िया, जंगली याक जैसे कई जानवरों यहाँ मिलते हैं।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि, इस परियोजना के जरिए आकाश के संरक्षण का काम किया जाएगा। चांगथांग अभयारण्य में बन रहे इस नाइट स्काई सेंचुरी के जरिए खगोल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, स्थानीय निवासियों को भी इसमें शामिल किया जाएगा तो रोजगार की संभावनाएं बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।